लखनऊ (25 अक्टूबर 2025, शनिवार) — देशभर के शिक्षकों की आवाज़ को नई दिशा देने के लिए टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Teachers Federation of India) ने अपना नया नेतृत्व चुना है। उत्तर प्रदेश के डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, जबकि झारखंड के राम मूर्ति ठाकुर को महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नए पदाधिकारियों ने ऐलान किया कि 21 नवंबर को देशभर के शिक्षक दिल्ली में “Teachers Rally” के रूप में महारैली करेंगे, जहां केंद्र सरकार को अपने मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा।
🏛️ नए नेतृत्व का गठन और प्रतिनिधित्व
दिल्ली स्थित कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में हुए राष्ट्रीय चुनाव में डॉ. शर्मा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। वहीं, संगठन में कई अन्य राज्यों से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय सिंह, कोषाध्यक्ष शिवशंकर पांडेय, संयुक्त महासचिव देवेंद्र श्रीवास्तव बने हैं।
उपाध्यक्ष पद पर अनूप केसरी, केदार जैन, मुनीष मिश्रा, विनोद यादव, राधेरमण त्रिपाठी, राजेश धर दुबे, मेघराज भाटी, बालेंद्र चौधरी, दीपक शर्मा और वंदना सक्सेना को चुना गया।
इसके अलावा सचिव मंडल में संजीव शर्मा, यशपाल सिंह, वेदप्रकाश मिश्रा, अनुज कुमार, त्रिवेंद्र कुमार, राजेश लिटौरिया, देवेश कुमार, आशुतोष त्रिपाठी, अर्चना तिवारी और कल्पना रजौरिया शामिल किए गए।
एकाउंटेंट के रूप में देवेश प्रताप सिंह तथा ऑडिटर के रूप में पंकज शर्मा का चयन हुआ। वहीं, अरुणेंद्र वर्मा और अजय सिंह को राष्ट्रीय सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है।
🪧 “TET अनिवार्यता अन्यायपूर्ण”, 21 नवंबर को दिल्ली में शिक्षकों की महारैली
नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि 27 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर TET अनिवार्य करना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने बताया कि “देशभर के शिक्षक इस निर्णय से आहत हैं, इसलिए 21 नवंबर को दिल्ली में एक विशाल ‘Teachers Rally in Delhi’ आयोजित की जाएगी। इस रैली में लाखों शिक्षक शामिल होंगे और भारत सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा।”
महासचिव राम मूर्ति ठाकुर ने भी स्पष्ट किया कि “कोई भी कानून उसके लागू होने की तिथि से ही प्रभावी होना चाहिए, लेकिन TET को पूर्व प्रभाव से लागू कर लाखों शिक्षकों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। अब शिक्षक एकजुट हैं और इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।”
📢 शिक्षकों का संदेश: “सम्मान, सुरक्षा और समानता चाहिए”
फेडरेशन का मानना है कि देश के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक शिक्षा की नींव हैं, और उनके अधिकारों की अनदेखी राष्ट्र के भविष्य को प्रभावित करती है। इसलिए इस बार की Teachers Rally in Delhi केवल विरोध नहीं, बल्कि शिक्षकों की गरिमा और नीति सुधार की मांग की आवाज़ भी होगी।









