लखनऊ, Fri, 24 Oct 2025 – अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को बीते अब लगभग पांच साल हो चुके हैं, लेकिन यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। परिवार के वकील वरुण सिंह ने CBI Closure Report पर गंभीर आपत्तियां दर्ज की हैं। उनका आरोप है कि एजेंसी ने अधूरी रिपोर्ट दाखिल की है और कई अहम दस्तावेज अब तक परिवार को उपलब्ध नहीं कराए गए।
परिवार के वकील का आरोप– “अधूरी और अनिर्णायक रिपोर्ट दायर की गई”
एएनआई से बातचीत में वकील वरुण सिंह ने कहा कि CBI Closure Report में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को नजरअंदाज किया गया है। उनका कहना है, “कई ऐसे दस्तावेज रोके गए हैं जिनसे एजेंसी के निष्कर्षों को कानूनी रूप से चुनौती देना संभव हो सकता था। जब तक पूरा रिकॉर्ड नहीं मिलता, विरोध याचिका दायर करना असंभव है।”
उन्होंने बताया कि पटना कोर्ट ने सीबीआई को छह अलग-अलग आदेश जारी किए थे, जिनमें सभी अहम दस्तावेज और साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद, रिपोर्ट अधूरी स्थिति में दायर की गई।
मार्च 2025 में दायर हुई थी क्लोजर रिपोर्ट
सीबीआई ने मार्च 2025 में अपनी Closure Report दाखिल की थी। इसमें रिया चक्रवर्ती समेत एफआईआर में नामित सभी आरोपियों को क्लीन चिट दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो कि सुशांत सिंह राजपूत को बंधक बनाया गया, धमकाया गया या किसी आपराधिक कृत्य के अधीन किया गया।
लेकिन वकील वरुण सिंह का कहना है कि एजेंसी की भाषा खुद यह दर्शाती है कि मामला पूरी तरह निर्णायक नहीं है। “रिपोर्ट में साफ लिखा है कि ‘आत्महत्या की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।’ जब सीबीआई खुद कह रही है कि निष्कर्ष अनिश्चित हैं, तो क्या मामले को बंद करना उचित था?” उन्होंने कहा, “सच्चाई को निर्णायक रूप से स्थापित करना सीबीआई का कर्तव्य था।”
“सीबीआई को जवाब देना चाहिए कि डिजिटल साक्ष्यों की रिपोर्ट कहां है”
परिवार के वकील ने आगे कहा कि रिपोर्ट में कई वित्तीय लेनदेन का उल्लेख है, लेकिन उनकी जांच अधूरी रही। “यदि किसी आरोपी के पक्ष में धन हस्तांतरण का मामला था, तो उसे ‘धोखाधड़ी’ या ‘विश्वासघात’ के रूप में जांचा जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
उन्होंने सवाल उठाया, “सीबीआई को डिजिटल साक्ष्यों पर अमेरिका से क्या रिपोर्ट मिली? वह अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं की गई? हम कई बार इन दस्तावेजों की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक जवाब नहीं मिला।”
अदालत जाने की तैयारी में परिवार
वकील वरुण सिंह ने कहा कि परिवार अदालत जाने का मन बना चुका है, लेकिन फिलहाल सबसे बड़ी बाधा वही है—रिपोर्ट के साथ संलग्न दस्तावेजों की अनुपलब्धता। उन्होंने कहा, “जब तक हमें पूरी रिपोर्ट नहीं दी जाती, हम विरोध याचिका कैसे दायर करें? सात महीने से अधिक हो चुके हैं, फिर भी रिकॉर्ड साझा नहीं किया गया।”
उन्होंने अंत में कहा कि यह केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि सिस्टम की पारदर्शिता का मामला है। “अगर जांच एजेंसी निर्णायक सच्चाई सामने नहीं रख पाई, तो जनता का भरोसा कैसे बनेगा?”








