नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2025: जो निवेशक पिछले कुछ हफ्तों से चांदी के दामों को देखकर चिंतित थे, उनके लिए अब राहत की खबर है।
चांदी की कीमतों में 10 दिनों में करीब 17% की गिरावट दर्ज की गई है। 14 अक्टूबर को चांदी 1.78 लाख रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर थी, जबकि अब यह 1.47 लाख रुपये प्रति किलो पर आ गई है — यानी 31,000 रुपये प्रति किलो की कमी।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अल्पकालिक (short-term correction) है और लॉन्ग टर्म में मांग मजबूत बनी हुई है।
💰 अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गिरी चांदी
लंदन, जो वैश्विक चांदी व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है, वहां भी चांदी की कीमतें 54.47 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से घटकर 48.5 डॉलर हो गईं।
अमेरिका और चीन से हाल ही में बड़ी चांदी की शिपमेंट लंदन पहुंची है, जिससे बाजार में सप्लाई का दबाव बढ़ा और दाम नीचे खिसक गए।
पहले चांदी की कमी (shortage) के कारण भारत में कीमतें उछल गई थीं, लेकिन अब बढ़ी हुई आपूर्ति ने बाजार को स्थिरता दी है।
साथ ही, ऊंचे स्तर पर मुनाफा वसूली (profit booking) करने वाले निवेशकों ने बड़ी मात्रा में चांदी बेची, जिससे गिरावट और तेज़ हुई।
📉 सोने पर भी असर, डॉलर हुआ मजबूत
गिरावट सिर्फ चांदी तक सीमित नहीं रही। सोना भी 6.41% सस्ता हुआ है और अब 10 ग्राम सोने की कीमत 1,22,419 रुपये (बिना जीएसटी) रह गई है।
इसकी प्रमुख वजहें हैं —
- निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली,
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती,
- और वैश्विक राजनीतिक अनिश्चितताएं।
⚙️ पहले क्यों बढ़ी थीं Silver की कीमतें?
इस साल सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहन (EV), 5G इंफ्रास्ट्रक्चर और AI हार्डवेयर जैसी इंडस्ट्रीज में चांदी की मांग तेज़ी से बढ़ी है।
इन सभी क्षेत्रों में चांदी एक आवश्यक धातु है। लेकिन उत्पादन इसकी मांग के मुकाबले कम है।
सिल्वर इंस्टीट्यूट के मुताबिक,
वर्ष 2025 में वैश्विक उत्पादन 26,000 टन रहा,
जबकि मांग इससे 6,000-7,500 टन अधिक है।
चांदी का उत्पादन बढ़ाना आसान नहीं है, क्योंकि यह सोना, जस्ता और सीसा खनन के साथ उपोत्पाद के रूप में निकलती है।
रीसाइक्लिंग भी कम हुई है, जिससे आपूर्ति का दबाव और घटा।
📊 विशेषज्ञों की राय — “गिरावट अस्थायी, भविष्य उज्ज्वल”
विक्रम धवन, (निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड) का कहना है —
“यह गिरावट सिर्फ अल्पकालिक है। लंबी अवधि में चांदी और सोने दोनों की मांग मजबूत रहेगी। केंद्रीय बैंक और ईटीएफ निवेशक इसे लगातार खरीद रहे हैं।”
मनीष मोदी, (मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज) ने कहा कि,
“वैश्विक अनिश्चितताओं, जैसे ट्रंप और पुतिन की मुलाकात टलने से, निवेशक फिर सुरक्षित धातुओं की ओर लौटेंगे। गिरावट के दौरान यह खरीदारी का अच्छा मौका है।”
वहीं जतिन त्रिवेदी (एलकेपी सिक्योरिटीज) के अनुसार,
“लोग फिलहाल छोटी-छोटी खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन आने वाले महीनों में चांदी और सोने दोनों का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।”
💡 निवेशकों के लिए सलाह — अवसर या जोखिम?
अगर आप Silver में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह गिरावट आपके लिए मौका भी हो सकती है।
लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जल्दबाज़ी न करें — अपने बजट और जोखिम क्षमता को ध्यान में रखकर ही खरीदारी करें।
क्योंकि बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव संभव है, और स्थिरता आने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं।








