नई दिल्ली, 28 जुलाई। संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को एक बार फिर हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही। इस बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि वे अपनी बात सिर्फ सदन के भीतर ही रखेंगे।
राहुल गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर मैं कुछ कहूंगा, तो वह सिर्फ संसद के अंदर होगा।” उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यवाही के स्थगित होने की जानकारी है, और इसलिए वे बाहर खड़े हैं।
हंगामे के चलते बार-बार स्थगन
सुबह 11 बजे जब दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई, तभी से विपक्षी सदस्यों ने चुनाव आयोग की बिहार में चल रही एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।
राज्यसभा में बैठक शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने शोरगुल शुरू किया, जिस पर पीठासीन अधिकारी घनश्याम तिवारी ने उन्हें संयम बरतने और सरकार से सवाल-जवाब की प्रक्रिया को बाधित न करने की अपील की।
इसी तरह लोकसभा में भी विपक्षी सांसदों ने अपनी सीट छोड़कर वेल में पहुंचकर विरोध जताया। इस दौरान बिहार चुनाव से जुड़े मुद्दों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस की मांग को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष से पूछा, “आप चर्चा चाहते हैं या नहीं? अगर चर्चा में भाग लेना है, तो अपनी सीटों पर लौट आइए, अन्यथा मुझे सदन स्थगित करना पड़ेगा।”
“आप सवाल नहीं पूछेंगे तो मैं जवाब कैसे दूं?” – नायडू
प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने भी विपक्षी दलों को घेरा और कहा, “अगर आप सवाल ही नहीं पूछेंगे तो मैं जवाब कैसे दूं? पहले आप सवाल पूछिए, फिर मैं उत्तर देने को तैयार हूं।”
रिजिजू की अपील: “पाकिस्तान की भाषा न बोलें”
लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 16 घंटे की चर्चा प्रस्तावित है, लेकिन उससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे भारतीय सेना की गरिमा का ध्यान रखें। उन्होंने कहा, “मैं विशेष रूप से कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे ऐसी कोई बात न कहें जो पाकिस्तान के हित में जाए। हमें अपनी सेनाओं का मनोबल बनाए रखना है।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमापार स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित हमले किए। इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी ढांचे को निष्क्रिय करना था।
सत्र की शुरुआत से ही छाया तनाव
मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई से हुई थी, लेकिन पहले दिन से ही सदन में सार्वजनिक महत्व के मुद्दों—जैसे कि पहलगाम हमला, चुनावी राज्य बिहार में हो रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया, और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा—को लेकर विपक्ष लगातार बहस की मांग कर रहा है।









