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President Murmu Kerala Visit: राष्ट्रपति मुर्मू ने केआर नारायणन की प्रतिमा का अनावरण किया, बोलीं— उनका जीवन प्रेरणा का प्रतीक

On: October 23, 2025
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President Murmu Kerala Visit
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तिरुवनंतपुरम (Thu, 23 Oct 2025) – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को अपने केरल दौरे के दौरान देश के पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन की प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा राजभवन परिसर में स्थापित की गई है, जो भारत के पहले दलित राष्ट्रपति को समर्पित श्रद्धांजलि है।

कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी उपस्थित रहे। वातावरण गंभीर लेकिन गर्व से भरा था — जैसे पूरा परिसर उस व्यक्ति के जीवन की गूंज सुन रहा हो, जिसने शिक्षा और दृढ़ निश्चय से इतिहास रचा था।

🌿 “केआर नारायणन का जीवन साहस और आत्मविश्वास की मिसाल” – राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि केआर नारायणन का जीवन साहस, मेहनत और आत्मविश्वास की प्रेरक कहानी है।
उन्होंने कहा, “नारायणन जी ने यह साबित किया कि अवसर और दृढ़ निश्चय के बल पर व्यक्ति किसी भी ऊंचाई को छू सकता है। उनका जीवन शिक्षा की शक्ति का जीवंत उदाहरण है।”

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नारायणन का राष्ट्रपति पद तक का सफर केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक प्रगति और समानता की भावना का प्रतीक है।

🌏 राजनीति से पहले था कूटनीति में लंबा सफर

राष्ट्रपति मुर्मू ने याद किया कि राजनीति में आने से पहले केआर नारायणन भारतीय विदेश सेवा (IFS) में कार्यरत रहे, जहां उन्होंने भारत के मूल्यों – शांति, न्याय और सहयोग को ईमानदारी से निभाया।
उन्होंने कहा कि, “नारायणन जी ने अपने पूरे जीवन में भारत की नैतिकता और लोकतांत्रिक भावना को जीवित रखा। उनके लिए ‘सेवा’ एक पद नहीं, बल्कि जिम्मेदारी थी।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नारायणन न केवल भारत के 10वें राष्ट्रपति (1997-2002) रहे, बल्कि उससे पहले उपराष्ट्रपति के रूप में भी देश की सेवा कर चुके थे।

🕊️ लोकतांत्रिक विरासत और शिक्षा पर उनका जोर

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि नारायणन हमेशा अपने गृह राज्य केरल से गहराई से जुड़े रहे।
उनका मानना था कि शिक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है।

उन्होंने कहा, “नारायणन जी ने नैतिकता, ईमानदारी, करुणा और लोकतांत्रिक मूल्यों की जो विरासत छोड़ी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए दिशासूचक बन चुकी है। हमें उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर एक न्यायपूर्ण और समावेशी भारत की ओर आगे बढ़ना चाहिए।”

🙏 सम्मान और स्मरण का क्षण

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रपति मुर्मू ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का विशेष धन्यवाद किया, जिनके मार्गदर्शन में इस प्रतिमा स्थापना की पहल शुरू की गई थी।
गौरतलब है कि केआर नारायणन ने 1997 से 2002 तक राष्ट्रपति पद संभाला था और उनका निधन 9 नवंबर 2005 को 85 वर्ष की आयु में हुआ।

राजभवन में स्थापित यह प्रतिमा न केवल उनके व्यक्तित्व को सम्मानित करती है, बल्कि उन मूल्यों को भी अमर करती है जो उन्होंने अपने जीवन से देश को सिखाए — समानता, दृढ़ता और सच्ची जनसेवा की भावना।

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