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Gold Price Today: सोने में 1,200 रुपये की गिरावट, चांदी भी 2,500 रुपये सस्ती

On: November 4, 2025
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Gold Price Today: सोने में 1,200 रुपये की गिरावट, चांदी भी 2,500 रुपये सस्ती
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नई दिल्ली, 04 नवंबर 2025 (मंगलवार) – लगातार बदलते वैश्विक संकेतों और अमेरिकी फेडरल रिज़र्व (US Federal Reserve) की टिप्पणियों के बीच मंगलवार को दिल्ली में सोने और चांदी की कीमतों में बड़े स्तर पर गिरावट आई है।

सोने की कीमत (Gold Price in India) आज 1,200 रुपये गिरकर ₹1,24,100 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। वहीं, 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,23,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर दर्ज की गई।

सोने की तरह ही चांदी (Silver Price) में भी बड़ी गिरावट देखी गई, जो आज ₹2,500 की कमजोरी के साथ ₹1,51,500 प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई। इस बात की पुष्टि अखिल भारतीय सर्राफा संघ (AIBJA) ने की है।

गिरावट के पीछे क्या है वजह?

विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोर रुझानों का सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ा है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ कमोडिटी विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कई अधिकारियों की आक्रामक टिप्पणियों के बाद ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें क्षीण हो गई हैं। परिणामस्वरूप, निवेशकों ने सोने में हिस्सेदारी कम की और डॉलर की मजबूती ने इस दबाव को और बढ़ाया।

डॉलर इंडेक्स ने बढ़ाया दवाब

आज डॉलर इंडेक्स, जो अमेरिकी डॉलर की स्थिरता को छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में मापता है, 0.12% उछलकर 99.99 पर पहुंच गया—जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है। आम तौर पर डॉलर मजबूत होता है तो कीमती धातुओं की मांग घटती है और कीमतों में गिरावट दर्ज की जाती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का हाल

विदेशी बाजारों में भी सोना और चांदी में गिरावट देखने को मिली है।

  • सोना हाजिर (Gold Spot) करीब $7.84 या 0.2% लुढ़ककर $3,993.65 प्रति औंस हो गया।
  • चांदी लगभग 1% गिरकर $47.73 प्रति औंस पर बंद हुई।

विश्लेषकों के मुताबिक, निवेशकों की निगाहें अब आगामी अमेरिकी श्रम बाज़ार के आंकड़ों (ADP रोजगार और ISM PMI डेटा) पर टिकी हैं, जो बाजार की भविष्य की दिशा तय करेंगे।

आगे की राह

कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी, कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला का कहना है कि चीन द्वारा हाल ही में सोने पर कर प्रोत्साहन वापस लेने और सुरक्षित निवेश की मांग में कमी जैसी वजहों से भावनात्मक दबाव और बढ़ सकता है।

बाजार की रणनीतिक दिशा अब पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगी कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के ताज़ा आंकड़े किस तरह सामने आते हैं।

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