नई दिल्ली, 26 अक्टूबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 22वें ASEAN Summit 2025 को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि समावेशिता और सततता (Inclusivity and Sustainability) ही इस सम्मेलन की मूल थीम है। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल समावेशन, खाद्य सुरक्षा और मजबूत सप्लाई चेन जैसे साझा लक्ष्यों को लेकर आसियान देशों के साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी ने स्पष्ट कहा — “भारत हमेशा अपने आसियान सहयोगियों के साथ खड़ा रहा है, चाहे वह प्राकृतिक आपदाएं हों, समुद्री सुरक्षा हो या मानवीय सहायता की स्थिति। हमारी साझेदारी मानवता की सेवा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए है।”
HADR, ब्लू इकोनॉमी और समुद्री सुरक्षा पर साझा दृष्टिकोण
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने Humanitarian Assistance and Disaster Relief (HADR), Maritime Security और Blue Economy के क्षेत्रों में आसियान देशों के साथ सहयोग को लगातार मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि इन विषयों पर बढ़ती भागीदारी “साझा सुरक्षा और सतत विकास” की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
विज्ञान, शिक्षा और Green Energy में गहराएगा सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने ASEAN Summit 2025 में यह घोषणा की कि वर्ष 2026 को ‘ASEAN-India Maritime Cooperation Year’ के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ग्रीन एनर्जी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प लेता है।
मोदी ने कहा, “हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत हमें जोड़ती है। व्यक्ति से व्यक्ति संबंध (People-to-People Connectivity) हमारी साझेदारी का सबसे मजबूत स्तंभ हैं।”
पीएम मोदी बोले — “21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है”
प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि ‘ASEAN Community Vision 2045’ और ‘Viksit Bharat 2047’ एक साथ मिलकर पूरी मानवता के लिए उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
उन्होंने कहा, “21वीं सदी हमारी सदी है — यह भारत और आसियान दोनों की सदी है। हम साथ मिलकर वैश्विक विकास, स्थिरता और समृद्धि की नई कहानी लिखेंगे।”
मलेशिया के प्रधानमंत्री को दी बधाई, साझेदारी को बताया “मजबूत और स्थायी”
प्रधानमंत्री मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को आसियान की अध्यक्षता संभालने पर बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि भारत आसियान के साथ अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) को और मजबूत करने के लिए तत्पर है।
मलेशिया में आयोजित यह तीन दिवसीय सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें 10 आसियान सदस्य देशों के साथ-साथ अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
सम्मेलन में कुल 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और शीर्ष प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का ASEAN Summit 2025 में दिया गया संबोधन भारत की विदेश नीति के उस दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, जिसमें वैश्विक सहयोग, सतत विकास और मानवता-केन्द्रित प्रगति समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
उनका यह संदेश — “21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है” — क्षेत्रीय एकता और साझे विकास की दिशा में एक मजबूत संकल्प के रूप में गूंजा।










