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दीवाली की आतिशबाजी के बाद घातक हुआ वायु प्रदूषण, विशेषज्ञों की चेतावनी – मास्क पहनकर ही निकलें बाहर

On: October 22, 2025
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दीवाली की आतिशबाजी के बाद घातक हुआ वायु प्रदूषण
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लखनऊ (Wed, 22 Oct 2025) – दिवाली की चमक के साथ आई खुशियां अब जहरीली हवा में तब्दील होती दिख रही हैं। राजधानी लखनऊ और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में दो दिनों की आतिशबाजी के बाद हवा इतनी खराब हो गई है कि विशेषज्ञों ने इसे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक करार दिया है। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और हवा में घुला धुआं आंखों में जलन, खांसी और सांस की तकलीफ बढ़ा रहा है।

लखनऊ का AQIपहुंचा 184, प्रदेश का स्तर 204 के पार

दीवाली की रात से लेकर मंगलवार देर रात तक हुई आतिशबाजी के बाद बुधवार सुबह Air Pollution After Diwali का असर साफ दिखा। लखनऊ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 184 दर्ज किया गया, जो ‘ऑरेंज जोन’ यानी बेहद खराब श्रेणी में आता है। वहीं पूरे प्रदेश का औसत एक्यूआई 204 तक पहुंच गया, जो ‘खतरनाक श्रेणी’ की ओर संकेत कर रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर लंबे समय तक बना रहा तो यह बच्चों, बुजुर्गों और हृदय या फेफड़ों के मरीजों के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह – मास्क पहनना अब ज़रूरी

केजीएमयू के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राजेश सिंह के मुताबिक, “इस स्तर के प्रदूषण में कुछ घंटे बाहर रहना भी नुकसानदेह हो सकता है। लोगों को N95 या सर्जिकल मास्क पहनकर ही बाहर निकलना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण (PM2.5 और PM10) फेफड़ों में जाकर ऑक्सीजन अवशोषण को प्रभावित करते हैं। यह समस्या खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से अस्थमा या एलर्जी वाले लोगों में ज्यादा देखी जा रही है।

पटाखों, वाहनों और मौसम का मिला जहर

पर्यावरण विशेषज्ञों ने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं, वाहनों का बढ़ता उत्सर्जन और ठंड की शुरुआत में हवा की नमी — तीनों ने मिलकर वायु प्रदूषण को और खतरनाक बना दिया है। हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण जमीन के पास जम जाते हैं, जिससे स्मॉग बनता है और दृश्यता भी घटती है।

पर्यावरणविद् अनिल त्रिपाठी के अनुसार, “अगर अगले कुछ दिनों तक बारिश नहीं हुई तो वायु गुणवत्ता और भी गिर सकती है। लोगों को अनावश्यक वाहन प्रयोग से बचना चाहिए और पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।”

सरकार और प्रशासन की निगरानी बढ़ी

नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें अब संवेदनशील इलाकों में निगरानी कर रही हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण और वाहनों की जांच जैसे उपाय तेज कर दिए गए हैं।

जनजागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अपील की है कि लोग न सिर्फ अपने लिए बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी सजग रहें। दीपावली के बाद यह जरूरी है कि लोग पेड़ लगाएं, धूल भरे क्षेत्रों से बचें और घरों में एयर-प्यूरीफायर का प्रयोग करें।

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