लखनऊ (Fri, 24 Oct 2025) – उत्तर प्रदेश ने अपनी महत्वाकांक्षा को और सशक्त करते हुए फार्मास्यूटिकल निर्माण और अनुसंधान में वैश्विक नेतृत्व के लिए कदम बढ़ाए हैं। शुक्रवार को इन्वेस्ट यूपी कार्यालय में जापान की कंसाई फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ एक उच्चस्तरीय ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य भारत और जापान की अग्रणी फार्मा कंपनियों के बीच रणनीतिक साझेदारी और निवेश के अवसरों का विस्तार से पता लगाना था।
इस महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने की। बैठक में इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी और जापान की 125 से अधिक प्रमुख फार्मास्यूटिकल कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। भारत की ओर से टीआई मेडिकल्स, टॉरेंट फार्मा और थ्रीएक्सपर इनोवेंचर के अधिकारी उपस्थित थे। जापानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डॉ. योशिकाज़ु हयाशी और प्रोफेसर अत्सुको कामीइके (चुओ गाकुइन विश्वविद्यालय) ने किया।
फार्मा निर्माण का उभरता केंद्र
बैठक में प्रोफेसर कामीइके ने भारत के फार्मा क्षेत्र की नवाचार क्षमता, गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की सराहना करते हुए भारत को “दुनिया की Pharmacy” करार दिया। अवनीश अवस्थी ने उत्तर प्रदेश की क्षमताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि राज्य एक अग्रणी Pharmacy Hub बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
उन्होंने बताया कि राज्य में केजीएमयू, एसजीपीजीआई, दो एम्स, 200 से अधिक मेडिकल कॉलेज और 25 मेडटेक स्टार्टअप्स मौजूद हैं, जो CDMO (Contract Development and Manufacturing Organization) के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार कर रहे हैं।
अवनीश अवस्थी ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में 13 एक्सप्रेसवे (7 संचालित और 6 निर्माणाधीन), 5 अंतरराष्ट्रीय और 16 घरेलू हवाई अड्डे हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के निकटता, विशाल उपभोक्ता आधार और 56% से अधिक युवा मानव संसाधन राज्य को निवेश के लिए अत्यंत आकर्षक बनाते हैं।
आकर्षक नीतियां और निवेश प्रोत्साहन
राज्य ने उत्तर प्रदेश निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 लागू की है, जो FDI/FII, Fortune Global 500 और Fortune India 500 कंपनियों को प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करती है। इसके अलावा, राज्य में 33 से अधिक क्षेत्र विशिष्ट निवेश नीतियां भी लागू हैं, जो विशेष क्षेत्रों में निवेशकों को लाभ पहुंचाती हैं।
अवनीश अवस्थी ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को तलाशने के लिए आमंत्रित किया। साथ ही, उन्होंने राज्य की सांस्कृतिक विरासत, बौद्ध सर्किट और ताजमहल का अनुभव लेने का सुझाव भी दिया।
यह बैठक भारत और जापान के बीच ग्लोबल फार्मा वैल्यू चेन में सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखी जा रही है।









