नोएडा (गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025) — रोशनी का त्योहार बीत चुका है, मगर अब उत्तर प्रदेश की हवा में बारूद का असर तैर रहा है। दिवाली की चमक ने इस बार आसमान में प्रदूषण का बादल छोड़ दिया है।
राज्य के कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दो दिनों की लगातार आतिशबाजी के बाद लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें बढ़ गई हैं।
मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर बने ‘स्मॉग हॉटस्पॉट’
वायु गुणवत्ता निगरानी साइट के मुताबिक, गुरुवार सुबह 10 बजे तक मेरठ का AQI 332 पर पहुंच गया — जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। हापुड़ 244 और बुलंदशहर 214 के साथ “खराब” श्रेणी में हैं।
लखनऊ की हवा भी साफ नहीं बची; राजधानी का एक्यूआई 211 दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि एनसीआर से सटे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि यहां उद्योगों और वाहनों का संयुक्त प्रभाव हवा को और विषैला बना देता है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों का AQI रिकॉर्ड
| शहर | एक्यूआई स्तर | श्रेणी |
|---|---|---|
| मेरठ | 332 | बहुत खराब |
| मुज़फ्फरनगर | 277 | खराब |
| हापुड़ | 244 | खराब |
| बुलंदशहर | 214 | खराब |
| लखनऊ | 211 | खराब |
| मुरादाबाद | 185 | मध्यम प्रदूषित |
| कानपुर | 183 | मध्यम प्रदूषित |
| प्रयागराज | 175 | मध्यम प्रदूषित |
| आगरा | 173 | मध्यम प्रदूषित |
| बरेली | 153 | मध्यम प्रदूषित |
डेटा स्रोत: Air Quality Index (AQI) वेबसाइट
एक्यूआई के स्तर से जानें हवा की स्थिति
विशेषज्ञ बताते हैं कि AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है —
- अच्छा (0-50)
- संतोषजनक (51-100)
- मध्यम प्रदूषित (101-200)
- खराब (201-300)
- बहुत खराब (301-400)
- गंभीर (401-500)
मेरठ और आसपास के जिलों में प्रदूषण “बहुत खराब” स्थिति में पहुंच चुका है, जो अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है।
स्वास्थ्य पर असर, डॉक्टरों की चेतावनी
नोएडा के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ अग्रवाल के अनुसार, “दीपावली के बाद हर साल वायु में PM2.5 कणों की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। यह फेफड़ों की झिल्ली में सूजन लाता है और बच्चों तथा बुजुर्गों के लिए खासा हानिकारक है।”
डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह की सैर या खुली हवा में कसरत से बचें और बाहर निकलते समय N95 मास्क अवश्य पहनें।
दिल्ली से भी फैला प्रदूषण का असर
दिल्ली-एनसीआर के सीमावर्ती इलाकों में भी वायु की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि Air Pollution in UP सिर्फ स्थानीय आतिशबाजी से नहीं, बल्कि दिल्ली की हवा में मौजूद प्रदूषण के फैलाव से भी बढ़ा है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं और नगर निगमों को सड़क पर धूल उड़ने से रोकने, कचरा न जलाने जैसी कार्रवाइयों के आदेश दिए गए हैं।
निष्कर्ष
दीपावली की रोशनी ने इस बार खुशी तो दी, लेकिन साथ ही वातावरण में विषैले कणों का धुआं भी घोल दिया। फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार, ठंडी हवाओं और स्थिर तापमान के चलते अगले दो दिनों तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना कम है।









