नई दिल्ली (Wed, 22 Oct 2025) – भारत के गौरव और विश्वस्तरीय भाला फेंक खिलाड़ी Neeraj Chopra अब भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल बन गए हैं। बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में नीरज को यह मानद उपाधि प्रदान की गई। इस मौके पर नीरज भारतीय सेना की वर्दी में नजर आए, और समारोह स्थल पर मौजूद सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया।
दो ओलंपिक में जीते पदक, रचा इतिहास
हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव के रहने वाले 27 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। इसके बाद पेरिस ओलंपिक 2024 में उन्होंने रजत पदक हासिल किया। लगातार दो ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाने वाले नीरज देश के पहले एथलीट हैं।
सूबेदार मेजर से लेफ्टिनेंट कर्नल तक का सफर
नीरज चोपड़ा पहले भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत थे। इस साल रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में राष्ट्रपति द्वारा नीरज को प्रादेशिक सेना (Territorial Army) में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक प्रदान करने की घोषणा की गई थी। अधिसूचना में कहा गया था कि,
“प्रादेशिक सेना विनियम 1948 के पैरा 31 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति भारत नीरज चोपड़ा को 16 अप्रैल 2025 से प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि प्रदान करती हैं।”
इससे पहले, 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी प्रादेशिक सेना में यही मानद पद दिया गया था।
रक्षा मंत्री बोले – Neeraj Chopra देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं
समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “नीरज चोपड़ा सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि अनुशासन, देशभक्ति और समर्पण के प्रतीक हैं। उनकी उपलब्धियां भारतीय सेना की भावना — ‘सेवा, सुरक्षा और सम्मान’ — का सच्चा उदाहरण हैं।”
थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने भी नीरज को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान भारतीय खेल जगत के साथ-साथ पूरी सेना के लिए गौरव का क्षण है।
इस सीजन उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए नीरज
हालांकि नीरज का 2025 सीजन प्रदर्शन के लिहाज से औसत रहा। वे इस साल डायमंड लीग खिताब नहीं जीत पाए और विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक का बचाव नहीं कर सके। उन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो 84.03 मीटर दर्ज किया था और अंतिम प्रयास के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए थे।
इसके बावजूद नीरज चोपड़ा का यह नया सैन्य अध्याय उनके करियर में एक और सम्मानजनक उपलब्धि जोड़ता है। देशभर में खेलप्रेमियों और फौजियों ने उन्हें सोशल मीडिया पर बधाइयां दीं।









