🗓️ नई दिल्ली (Tue, 21 Oct 2025)- दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर जहर घोलने लगी है। दीपावली के बाद राजधानी का आसमान धुंध से ढक गया और लोगों की आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत की शिकायतें बढ़ने लगी हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार देर रात तक दिल्ली का औसत Air Quality Index (Delhi AQI) 531 दर्ज किया गया — जो “गंभीर” श्रेणी में आता है।
नरेला में हवा की गुणवत्ता सबसे अधिक प्रदूषित रही, जहां AQI 551 रिकॉर्ड किया गया। यह देश में सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है। अशोक विहार का एक्यूआई 493, आनंद विहार का 394 और आरके पुरम का 368 रहा।
दिल्ली से सटे नोएडा में AQI 369 और गाजियाबाद में 402 दर्ज हुआ — दोनों “बहुत खराब” श्रेणी में।
🌫️ ‘गैस चैंबर’ में तब्दील दिल्ली
राजधानी के 38 निगरानी स्टेशनों में से 34 ने प्रदूषण को “रेड जोन” में दर्ज किया।
आईटीओ पर आज सुबह AQI 259 दर्ज हुआ, जबकि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम क्षेत्र में 317 रहा।
इंडिया गेट के आसपास हवा का स्तर 342 और अक्षरधाम पर 358 रहा — यानी हवा में सांस लेना तक मुश्किल।
CPCB के मुताबिक, INA और AIIMS के आसपास भी हवा की गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज की गई।
🏥 डॉक्टरों की चेतावनी: “बच्चों और बुजुर्गों को रखें घर में”
सर गंगाराम अस्पताल के सह-निदेशक और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेंद्र गुप्ता ने चेताया कि बच्चों के फेफड़े बेहद संवेदनशील होते हैं और ऐसे प्रदूषण में सबसे पहले वही प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा, “अगर कोई सामान्य व्यक्ति लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेता है, तो उसके फेफड़ों में बदलाव आ सकते हैं। लंबे समय में यह अस्थमा या अन्य श्वसन रोगों का कारण बन सकता है। प्रदूषण गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों दोनों के लिए खतरनाक है।”
अपोलो अस्पताल के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. निखिल मोदी ने कहा, “सर्दी की शुरुआत में हवा की गति धीमी हो जाती है। ठंडी हवा ऊपर नहीं उठती, जिससे प्रदूषण नीचे जम जाता है। दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर का बढ़ना तय था। अब मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है—खासकर जिन्हें एलर्जी या अस्थमा है।”
उन्होंने सलाह दी कि “बच्चे और बुजुर्ग फिलहाल बाहर न निकलें। अगर निकलना जरूरी हो, तो मास्क जरूर पहनें। एलर्जी या सांस की दिक्कत हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।”
🧩 प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए GRAP-2 लागू
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-2) लागू है। इस चरण में कोयले से चलने वाले जेनरेटर बंद रखने, निर्माण कार्यों में सीमित अवधि के लिए रोक, और सड़क धूल को कम करने के निर्देश शामिल हैं।
फिर भी हवा की स्थिति में सुधार फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि हवा की गति बढ़ने तक राहत की संभावना कम है।
😷 लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने दिल्ली की स्थिति को “स्मॉग अटैक” करार दिया।
आईटी पेशेवर रजनीश सिंह ने कहा, “सुबह जॉगिंग करने निकला था, पर पांच मिनट में ही आंखों में जलन और खांसी शुरू हो गई।”
वहीं, कॉलेज छात्रा नेहा अग्रवाल ने बताया कि वह अब बाहर जाने से पहले दो परत वाला मास्क पहन रही हैं।










