लखनऊ (Tue, 21 Oct 2025) — “शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले…” — मंगलवार सुबह लखनऊ पुलिस लाइन्स का मैदान इन शब्दों से गूंज उठा। अवसर था पुलिस स्मृति दिवस (Police Martyrs Day 2025) का, जब देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जवानों को पूरे सम्मान के साथ याद किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी राजीव कृष्णा ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सीएम योगी ने कहा कि “राज्य के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा में जो बलिदान हुआ है, वह सदैव अमर रहेगा।” उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर हर संभव सहयोग और सहायता का भरोसा भी दिलाया।
🇮🇳 शहीदों की याद में दो मिनट का मौन, मैदान में छाया भावनात्मक सन्नाटा
सुबह 9:35 बजे परेड की औपचारिक शुरुआत हुई। आईपीएस अधिकारी अविनाश पांडेय और किरन यादव ने परेड की कमान संभाली। पुलिस लाइन्स का ग्राउंड वर्दीधारी जवानों की अनुशासित कतारों से भर गया — पीएसी, एसडीआरएफ, एटीएस, एसएसएफ, ट्रैफिक पुलिस और सिविल पुलिस की टुकड़ियां एक साथ कदमताल करती नजर आईं।
10 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। इसी दौरान शहीदों की शोक पुस्तिका को ग्राउंड में लाया गया, जिसे विजिलेंस सीओ अभय पांडेय ने संभाला। पुस्तिका के आते ही पूरे मैदान में सन्नाटा छा गया। सभी लोग सम्मान में खड़े हो गए।
इसके बाद सीएम योगी ने शहीद स्मारिका पर पुष्पचक्र अर्पित किया और दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को नमन किया।
👮♂️ 186 पुलिसकर्मियों के बलिदान को किया गया नमन
इस वर्ष पुलिस स्मृति दिवस पर 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 के बीच ड्यूटी के दौरान शहीद हुए 186 पुलिसकर्मियों को याद किया गया।
इनमें सबसे अधिक बीएसएफ के 23 जवान, सीआरपीएफ के 8, सीआईएसएफ के 6, एसएसबी और आईटीबीपी के 5-5, और आरपीएफ के 9 जवान शामिल रहे।
उत्तर प्रदेश के तीन पुलिसकर्मियों ने भी इस अवधि में अपने प्राणों की आहुति दी।
इसके अलावा —
- छत्तीसगढ़: 16
- जम्मू-कश्मीर: 14
- पश्चिम बंगाल: 12
- दिल्ली: 8
- मध्य प्रदेश: 8
- कर्नाटक: 8
- तमिलनाडु: 6
- हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा आदि राज्यों से भी शहादतें दर्ज की गईं।
यह आंकड़ा देशभर की पुलिस फोर्स की उस दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सुरक्षा और सेवा को सर्वोपरि मानती है।
🙏 शहीद परिजनों से मिले CM योगी, बोले—‘आपका बलिदान प्रदेश की प्रेरणा है’
श्रद्धांजलि के बाद मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। भावनात्मक पलों के बीच उन्होंने कहा,
“राज्य सरकार आपके साथ है। आपके परिवार को हर तरह की सहायता और सुरक्षा दी जाएगी। आपके परिजनों ने जो बलिदान दिया है, वह उत्तर प्रदेश पुलिस की गौरवगाथा का हिस्सा बन चुका है।”
कार्यक्रम में महापौर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, मंत्री असीम अरुण, बृजलाल (अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आयोग) सहित कई सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भी उपस्थित रहे।
💬 पुलिस स्मृति दिवस: एक परंपरा, जो हर साल दिलाती है कर्तव्य का अहसास
हर साल 21 अक्टूबर को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में चीनी सेना के हमले में सीआरपीएफ के 10 जवानों की शहादत की याद में यह परंपरा शुरू हुई थी। तब से लेकर आज तक यह दिन उन सभी वीरों को समर्पित है जिन्होंने “कर्तव्य” को “जीवन” से ऊपर रखा।
लखनऊ पुलिस लाइन्स में आयोजित यह आयोजन न सिर्फ श्रद्धांजलि देने का अवसर बना, बल्कि यह भी याद दिलाया कि “जो खामोश हो गए, उन्हीं की वजह से हम सुरक्षित हैं।”









