नई दिल्ली, 29 जुलाई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने सोमवार को संसद के भीतर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा के दौरान उन्होंने चीन को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया और कहा कि यदि पाकिस्तान से खतरा है, तो चीन “राक्षस” साबित हो सकता है।
अखिलेश यादव ने दो टूक कहा कि आतंकवाद के पीछे जो ताकत खड़ी है, वह पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन सिर्फ हमारी सीमाओं में घुसपैठ नहीं कर रहा, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी भारत को नुकसान पहुँचा रहा है। “समाजवादियों ने हमेशा यह चेताया है कि असली खतरा पाकिस्तान नहीं, चीन है। वह हमारी ज़मीन ही नहीं, हमारे बाजार भी छीन रहा है,” उन्होंने सदन में कहा।
सपा प्रमुख ने केंद्र से मांग की कि चीन और पाकिस्तान के साथ आर्थिक रिश्तों पर कठोर कदम उठाए जाएं। “सरकार को अगले 10-15 वर्षों की दीर्घकालिक रणनीति बनानी चाहिए जिससे इन देशों से व्यापार धीरे-धीरे घटे। जब तक चीन पर आर्थिक निर्भरता कम नहीं होगी, तब तक आत्मनिर्भर भारत का सपना अधूरा रहेगा,” उन्होंने जोड़ा।
चीन के साथ सीमाओं पर जारी तनाव का ज़िक्र करते हुए अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि क्या भारत सरकार सीमा क्षेत्रों में चीन से बेहतर बुनियादी ढांचा विकसित कर पा रही है? उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रश्न का उत्तर देश को मिलना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने रक्षा बजट में बढ़ोतरी की मांग करते हुए कहा कि इसे देश की जीडीपी का कम से कम 3% किया जाना चाहिए ताकि सेना की क्षमताएं और संसाधन मजबूत किए जा सकें।
अखिलेश यादव ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत हुए एनकाउंटर की टाइमलाइन पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, “आतंकियों का एनकाउंटर ठीक 28 जुलाई को ही क्यों हुआ?” यह पूछते हुए उन्होंने सरकार की रणनीतिक तैयारी पर संदेह जताया।
लोकसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने अग्निवीर योजना को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब इतने गंभीर विषयों पर मंथन चल रहा है, तो सरकार को चाहिए कि वह इस योजना पर पुनर्विचार करे और इसे वापस लेने पर विचार करे।









